my quran journey

001.Al Fatihah-H

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Ayyat No. Arabic Urdu
Fitrat-E-Insaani Ki Tarjumaan بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ अल्लाह के नाम से जो बहुत मरहबान बहुत रहम करने वाला है।
ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَـٰلَمِينَ कुल शुक्र और सना अल्लाह के लिए है जो तमाम जहाॅंनों का परवरदिगार और मालिक है।
ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ बहुत रहम फ़रमाने वाला निहायत मरहबान है।
مَـٰلِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ जज़ा और सज़ा के दिन का मालिक है।
إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ हम सिर्फ तेरी ही बंदगी करते हैं और करते रहेंगे और हम सिर्फ तुझसे ही मदद तलब करते हैं और करते रहेंगे।
ٱهْدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ उन लोगों की राह जिन पर तेरा इनाम हुआ,जो ना मग़ज़ूब हुए और ना गुमराह।
صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ ٱلْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ उन लोगों की राह जिन पर तेरा इनाम हुआ,जो ना मग़ज़ूब हुए और ना गुमराह।
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