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2.Ayyat |
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1. IMANIYAAT Tawheed Risalat Aur Akhirat |
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रसूल के इंसान होने पर हैरत। |
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अल्लाह की आला सिफ़ात का बयान। |
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बुरे और भले लोगों का अंजाम। |
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बशरी(इंसानी) कमज़ोरियाॅं। |
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क़ुरआन को बदलने का मुतालबा। |
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शिफ़ाते बातिला का मन घढ़ंत अक़ीदा। |
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फ़रमाइशी मोज्ज़ा दिखाने का मुतालबा। |
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इंसान की अहसान फ़रामोशी। |
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दुनिया की ज़िन्दगी खेती की तरह है। |
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अल्लाह की राह ही सलामती की राह है। |
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मुश्रिकीन के लिए औलिया अल्लाह का कोरा जवाब। |
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सोंचने पर मजबूर करने वाले सवालात। |
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कुरआन जैसी एक सूरह ही ले आओ। |
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क़ुरैश के सरदारों का मकर और फ़रेब। |
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रसूल की आमद क़ौम के लिए नाज़ुक मरहला। |
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नबी-ए-अकरम ﷺ का इज़हारे आजिज़ी। |
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रब की कसम कयामत आकर ही रहेगी। |
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इंसानों के लिए सब से बड़ी नेमत : कुरआने हकीम। |
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हलाल और हराम करने का इख्तियार अल्लाह ही का है। |
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तिलावते कुरआन....... अल्लाह का महबूब अमल। |
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अल्लाह के दोस्त कौन हैं? |
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शिर्क की बुनियाद यक़ीन नहीं गुमान है। |
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अल्लाह को औलाद की ज़रूरत नहीं है। |
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2. रसूलों की अपनी कौमों के साथ कशमकश। |
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हज़रत नूह का पुर सोज़ वाज़। |
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अल्लाह सरकशों के दिलों पर मोहर लगा देता है। |
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हज़रत मूसा ؑ और आले फ़िरऔन की कशमकश। |
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हक़ कुबूल करने में सबक़त नौजवान करते है। |
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हज़रत मूसा ؑ का क़िब्ला भी ख़ाना काबा था। |
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हज़रत मूसा ؑ की आले फ़िरऔन के खिलाफ बद्दुआ। |
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फ़िरऔन का इबरतनाक अंजाम। |
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बनी इस्राईल की नाशुकी। |
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बनी इस्राईल की राह पर मत चलो। |
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तौबा से अज़ाब टल जाता है..... कौम-ए-यूनुस की मिसाल। |
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3. ईमान और इसका हुसूल। |
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ईमान अल्लाह के तक़्वे से मिलता है। |
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ईमान अल्लाह की आयात पर ग़ौर ओ फ़िक्र से हासिल होता है। |
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4. अल्लाह की तरफ़ से दो टोक एलान। |
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हक़ और बातिल में समझौता नहीं हो सकता है। |
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नबी-ए-अकरम ﷺ की अल्लाह के सामने आजिज़ी का बयान। |
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क़ुरआन का दोटोक अंदाज़। |