| 
                                        1.Heading                     | 
                                                
                                        2.Ayyat                     | 
                                                
                                        3.Sub-Heading                     | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        1. N/A                     | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                         मेराज का वाक़िया......ज़मीनी सफ़र का बयान।                      | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                                                        
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        2. बनी इस्राईल के लिए इब्रत और निशानियॉं।                      | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                         हिदायत ए रब्बानी का लुब्बे लुबाब...अल्लाह ही पर भरोसा।                      | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        बनी इस्राईल पर उरूज और ज़वाल के दो दौर।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         उरूज के हुसूल का ज़रिया।                     | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        3. तमाम इंसानों के लिए इबरत और नसीहत।                     | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह से मईन चीज़ नहीं ,भलाई मांगें।                     | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         रात और दिन ....अल्लाह की दो रहमत भरी निशानियाॅं।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                          कोई चीज़ मनहूस नहीं।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        क़ौमों पर अज़ाब इत्मामे हुज्जत के बाद आता है।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         तय कर लें तलबगार दुनिया के हो या आख़िरत के।                      | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        4.इसलाम की माशरती हिदायत                     | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह के बाद हक़ वालिदैन का है।                     | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह की राह में ख़र्च करने के हवाले से हिदायतें।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        माल, जान और आबरू की हिफाजत के लिए हिदायतें।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         इल्म की फ़ज़ीलत।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        अपनी औकात पहचानो।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         अल्लाह का हर हुक्म हिकमत से भरा है।                      | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        5..मुश्रिकीन ए मक्का के साथ कशमकश                      | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह की बुलंद शान।                      | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        सरदाराने क़ुरैश की महरूमी।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        आख़िरत के हवाले से तीन तंज़िया सवाल।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        इंसान की खुश कलामी शैतान की नाकामी है।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह तमाम इंसानों के हाल से वाकिफ है।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह के महबूब बंदों का हाल।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        दुनिया की हर बस्ती फ़ना होकर रहेगी।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        फ़रमाइशी मोज्ज़ा ना दिखाने की हिकमत।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        आयात ए मुतशाबिहात।                     | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        6. N/A                     | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                         इब्लीस की इंसान से दुश्मनी।                     | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        7. अल्लाह के एहसान और बंदों की नाशुक्री।                      | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह के एहसान ….. इंसानों की नाशुक्री।                     | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        अल्लाह ने इंसान को अश्रफ़ुल मख़्लूक़ात बनाया है।                      | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        8. मुश्रिकीन ए मक्का के साथ कशमकश।                     | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                          जान बूझकर सरकशी करने वाला कयामत के दिन अंधा होगा।                     | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         काफ़िरों को दुश्मनी नबी ﷺ से नहीं क़ुरआन से है।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         हिजरत का मरहला आने वाला है।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         पंज वक्ता नमाजों का हुक्म।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        हिजरत गल्बा ए दीन का आगाज़ है।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         उरूज और ज़वाल क़ुरआन से वाबस्ता है।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         दुनिया के हालात का तास्सुर (अस्रात)मत लो।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         रूह की हकीकत अल्लाह ही जानते हैं।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                          नबी-ए-अकरम ﷺ पर अल्लाह का सबसे बड़ा फ़ज़ल....नुज़ूल ए क़ुरआन।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                        क़ुरआन जैसा कलाम कोई नहीं पेश कर सकता।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         फ़रमाइशी मोज्ज़ों की फ़हरिस्त।                      | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         तमाम रसूल इंसान ही थे।                     | 
                                                    
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                          गुमराहों का अलमनाक अंजाम।                     | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        9.बनी इस्राईल का माज़ी(अतीत)  और मुसतक़बिल(भविष्य)।                      | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                         फ़िरऔन की हट धर्मी और बरबादी।                     | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         कयामत के करीब यहूद एक मुकाम पर जमा कर दिये जायेंगे।                      | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        10. N/A                     | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                          क़ुरआन मजीद की अज़मत और तासीर।                      | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                        11. तौहीद ए बारी ताला                     | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                         सारे अच्छे नाम और सिफ़ात अल्लाह ही के पास है।                     | 
                                                
                                        
   
      
   
   
      
   
                     | 
                                        
                            
                                            | 
                                                             | 
                                                
                                         तौहीद ए बारी ताला का ख़ज़ाना।                      | 
                                                    
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                        
                            
                                | 
                                                             | 
                                                
                                                             | 
                                                
                                                              | 
                                                
                                                             |