my quran journey

015.AL Hijr-H

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1.Heading 2.Ayyat 3.Sub-Heading
1. सिलसिला ए ईमानियात तौहीद,आख़िरत,रिसालत काश हम भी मुसलमान होते।
नाफ़रमानों के लिए अज़ाब का वक़्त तय है।
अल्लाह क़ुरआन की हिफ़ाज़त खुद करेगा।
हर दौर में अकसरियत ईमान से महरूम रहती है।
अल्लाह की कुदरत के शाहकार।
अल्लाह जानता है आगे बढ़ने वालों को भी और पीछे रहने वालों को भी।
2. आदम और इब्लीस का क़िस्सा। अज़मत ए इंसान।
अल्लाह की लानत है तकब्बुर करने वाले पर।
इब्लीस के नापाक अज़ाएम।
शैतान उसे भटकाता है जो खुद भटकना चाहता है।
अहले जन्नत की बाहम कदूरतें ख़त्म कर दी जाएंगी।
3. ईमान बिल रिसालत अल्लाह रहम भी करता है और अज़ाब भी देता है।
कौम ए लूत अलैहिस्सलाम पर अल्लाह का अज़ाब।
कौम ए शुएब अलैहिस्सलाम का अंजाम।
कौम ए समूद की तबाही।
नबी-ए-अकरम ﷺ से ख़ुसूसी खिताब।
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