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जंग-ए-बदर के हालात पर तबसेरा( टिप्पणी)। |
1. बंदा-ए-मोमिन का बातिनी और ज़ाहिरी किरदार। |
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माले ग़नीमत के बारे मे फ़ैसला। |
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बंदा-ए-मोमिन की बातिनी और ज़ाहिरी सिफ़ात। |
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बदर से पहले की मशावरत। |
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2. मैदाने बदर में अल्लाह की मदद। |
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अल्लाह की मदद और फरिश्तों का नुज़ूल। |
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दौराने जंग मुसलमानों के लिए हिदायात। |
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फ़ैसलाकुन चीज़ अल्लाह की मदद है। |
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3. अल्लाह और उसके रसूल ﷺ की पुकार पर लब्बैक कहो। |
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अल्लाह और उसके रसूल ﷺ की इतात का हुक्म। |
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अल्लाह और उसके रसूल ﷺ की पुकार पर लब्बैक कहो। |
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अहले पाकिस्तान का ज़िक्र। |
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4. अल्लाह मुत्तक़ियों को सुरख़ुरू करता है। |
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तक़्वा की बरकतें। |
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मुश्रिकीन-ए-मक्का के नापाक इरादे और उन का अंजाम। |
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5. ऐसा दौर फ़ितने का है जिस में दीन ग़ालिब ना हो। |
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मुश्रिकीन-ए-मक्का को इस्लाह, अमल की दावत। |
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दीन का मग़लूब होना फ़ितना है। |
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माल-ए- ग़नीमत की तक़सीम(बांटने) का हुक्म। |
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बदर का मारका अल्लाह की तरफ़ से तय था। |
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6. फ़तह असबाब से नहीं अल्लाह की मदद से हासिल होगी। |
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दौराने जंग मुसलमानों के लिए हिदायात। |
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शैतान की धोका ढड़ी। |
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7. दीन के तक़ाज़ों से पस पाई की सज़ा। |
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मुनाफ़िक़ाना तर्ज़े फ़िकर। |
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अज़ीयतनाक मौत। |
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नाशुक्री से नेमत छिन जाती है। |
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यहूद की अहद शिक्नी (तोड़ना)। |
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जंग के लिए भरपूर तैयारी का हुक्म। |
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8. भरपूर जंगी तैयारी करो लेकिन भरोसा अल्लाह पर रखो। |
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जंग के लिए भरपूर तैयारी का हुक्म। |
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दुश्मन की तरफ़ से सुलह की पेशकश कुबूल कर ली जाए। |
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साथियों के बीच उलफ़त अल्लाह के फ़ज़ल ही से मुमकिन है। |
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9. एक नाज़ुक मज़मून (टोपिक)। |
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कुव्वते ईमान, थोडे मोमिनों को ज्यादा काफ़िरों पर ग़ालिब कर देती है। |
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काफ़िरों को क़ैदी बनाने पर इज़हारे नाराज़गी। |
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10. बंदा-ए-मोमिन का ख़ार्जी किरदार। |
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कैदियों से इज़हारे शफ़क़त। |
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दोस्ती का मियार रिश्ता-ए- ईमान को बनाओ। |
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बंदा-ए-मोमिन की ज़ाहिरी सिफ़ात। |