my quran journey

007. Al Aa’raf-H

7
1. Heading 2.Ayyat 3.Sub-Heading
1. N/a तारीख़ -ए-इंसानी का बयान।
2. अज़ल का बयान। इब्लीसियत और आदमियत में फ़र्क।
लिबास में तक़्वे का एहतेराम करो।
अल्लाह अदल का हुकुम देता है।
हलाल चीज़ों को हराम समझ लेना ज़ुह्द नहीं
बेहयाई हराम है चाहे खुले हो या छुपे।
हर कौम पर ज़वाल आएगा।
3. अबद का बयान। वही की पैरवी मे ही भलाई है।
दुनिया और आख़िरत का बुरा अंजाम।
अल्लाह की आयात को झुठलाने वाले कभी जन्नत में दाखिल ना होंगें।
जन्नत अमल की वजह से अता की जाएगी।
अहले जन्नत की अहले जहन्नुम से गुफ्तगू।
असहाबे आराफ़ का तज़केरा।
अहले जहन्नुम की अहले जन्नत से गुफ्तगू।
हक़ीक़ी रब सिर्फ़ और सिर्फ़ अल्लाह है।
दुआ के आदाब।
बारिश में हिदायत का सामान।
६ कौमों की दास्तान का बयान। क़मे नूह की दास्तान।
क़ौमे हूद की दास्तान।
क़ौमे समूद की दास्तान।
क़ौमे लूत की दास्तान।
क़ौमे शुऐब की दास्तान।
आफ़तें इन्सान को झिंझोड़ने के लिए आती हैं।
ईमान और तक़्वे की बरकतें।
हमारे लिए दरसे इब्रत।
हज़रत मूसा का काफ़िरों से मुकालमा।
हज़रत मूसा का जादूगरों से मुकाबला।
बनी इस्राईल पर फ़िरऔन का ज़ुल्म और मूसा की ईमान अफ़रोज़ नसीहत ।
आले फ़िरऔन पर आफ़तों का नुज़ूल।
अंदेखे माबूद की इबादत से इंकार।
5. बनी इस्राईल के अहम वाक़ियात। अल्लाह के दीदार की ख़्वाहिश।
तौरात का नुज़ूल और इस की अफ़ादियत।
तकब्बुर करने वाले को हिदायत नही मिलती।
बनी इस्राईल का बछड़े की मूरत को माबूद बना लेना।
हज़रत मूसा की ईमान अफ़रोज़ दुआ।
इत्तेबा-ए- रसूल का मैदान और आप ﷺ से ताल्लुक की बुनियाद।
नबी ﷺ की रिसालत तमाम इंसानियत के लिए है।
बनी इस्राईल पर अल्लाह के कई एहसान और बनी इस्राईल की नाशुक्री।
अज़ाब से बचने के लिए बुराइयों से रुकना ज़रूरी है।
बनी इस्राईल पर कयामत तक अज़ाब के कोडे़ बरसते रहेंगे।
किताब के नाअहल वारिस।
अल्लाह के महबूब बंदों की तीन सिफ़ात।
तूर पहाड़ के नीचे अहद(वादा)।
6. Azal, Abad Aur Darmiyani Arsa Kai Waqaiyat Ka Bayan अहद-ए-अलस्त।
ख्वाहिशों की पैरवी करने वाले के लिए कुत्ते की मिसाल।
ग़ाफ़िल इंसान जानवर से भी गया गुज़रा है।
7. N/a अल्लाह को पुकारो इसके अस्मा-ए-हुसना के साथ।
दर्से इब्रत।
8. Allah Ki Taraf Sai Aham Hidayat नबी-ए--अकरम ﷺ का आजिज़ी व बेबसी का एतराफ़।
इंसानोंं की नाशुक्री।
बातिल माबूदों की लाचारी।
अफ़ू व दरगुजर करने की तलक़ीन।
मोज्ज़ों की तलबी और अल्लाह का जवाब।
कुरआन सुनने के आदाब।
अल्लाह के ज़िक्र के आदाब।
×