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1. मुश्रिकीन-ए-मक्का, बनी इस्राईल पर इत्माम-ए-हुज्जत। |
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सिफ़ात-ए-बारीताला का बयान। |
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मुश्रिकीन-ए-मक्का के लिए अज़ाब की धमकी। |
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नबि ﷺ की दिलजोई। |
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अल्लाह ताला की क़ुदरत का बयान। |
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नबि-ए-अकरम ﷺ की आजिज़ी का बयान। |
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नबि-ए-अकरम ﷺ की सदाक़त की गवाही। |
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शिर्क करने वाला सबसे बडा ज़ालिम है। |
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क़ुरैश के सरदारों का इब्रतनाक अंजाम। |
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दुनिया की ज़िन्दगी महज़ एक ड्रामे कि तरह है। |
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अल्लाह फ़रमाइशी मोज्ज़ा नही दिखाएगा। |
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कुदरत के मोज्ज़े चारों तरफ़ मौजूद है। |
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मुश्किल में सिर्फ अल्लाह ही को पुकारा जाता है। |
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अल्लाह आफ़तें झिंझोड़ने ,जगाने के लिए भेजता है। |
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मिश्रिकीन के लिए झिंझोड़ने का उसलूब। |
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नबि-ए-अकरम ﷺ की आजिज़ी और बेबसी का एतराफ़। |
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क़ुरआन से हिदायत किसे मिलेगी ? |
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क़ुरआन की इज़्ज़त अफ़ज़ाई का हुक्म। |
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मुश्रिकीन की तरफ़ से समझौते का प्रस्ताव। |
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अल्लाह के इल्म की वुसअत का बयान। |
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मौत का इत्लाक़ नींद पर भी होता है। |
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इंसान पूरी तरह अल्लाह के इख्तियार में है। |
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अल्लाह के अज़ाब की तीन सूरतें। |
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ग़ैरत-ए-ईमानी का तक़ाज़ा। |
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दीन को खेल तमाशा बनाने वालों का अंजाम । |
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इजतेमाई ज़िंदगी की बरकत। |
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हज़रत इब्राहीम का मुश्रिकीन पर इत्मामे हुज्जत। |
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जो अल्लाह से डरता है वो किसी और से नही डरता। |
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क्या हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने भी कुछ समय के लिए शिर्क किया? |
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अंबिया किराम के प्यारे नामों का खूबसूरत गुलदस्ता। |
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शिर्क सारी नेकियों को बरबाद कर देता है। |
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अहले यसरिब के लिए खुशखबरी। |
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सारे अंबिया राहे हक़ पर थे। |
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2. मुश्रिकीन से बात करते हुए यहूद से खिताब। |
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यहूद का एक और झूठ। |
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झूठों पर मौत की सख्तियाॅं। |
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कयामत के दिन सारे इनसानों का दूसरा इज्तेमा होगा। |
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अल्लाह की नेमतों का बयान। |
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तौहीद का बयान और शिर्क की नफ़ी । |
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3. मुश्रिकीन से खिताब और मुसलमानों से खिताब लेकिन हुज़ूर ﷺ के ज़रिए। |
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तौहीद का बयान और शिर्क की नफ़ी । |
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अहम हिदायतें। |
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अहले ईमान के लिए तसल्ली। |
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हक़ कुबूल करने की तौफीक छीन ली जाती है। |
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काफ़िर मोज्ज़ा देखकर भी ईमान नहीं लाएंगे। |
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शैयातीन खुशनुमा बातें धोखा देने के लिए सुझातें हैं। |
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सिर्फ माबूदे बरहक़ ही ने आदिलाना अहकामात अता किये हैं। |
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अक्सरियत की पैरवी गुमराह कर देगी। |
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मयार-ए-हक़ शरियत है, विरासत मे मिले तसव्वुरात नहीं। |
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गफ़लत की ज़िन्दगी गुजारने वाला मुर्दा है। |
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बस्ती के सरदार बस्ती के मुजरिम बन जाते है। |
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कौन हिदायत पर है और कौन गुमराही पर? |
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इंसानों की अकसरियत नाकाम होगी। |
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अल्लाह किसी को नाहक़ अज़ाब नही देगा। |
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मश्रिकी पंडितों के मन घडंत फ़ैसले। |
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फलों और जानवरों में अल्लाह की कुदरत के शाहकार। |
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अल्लाह ने किन चीज़ों को हराम किया है? |
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मुश्रिकीन की एक खुशनुमा लेकिन फ़रेबकुन दलील। |
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तौरात के अहकामाते अश्रा की क़ुरआनी ताबीर। |
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नुज़ूल -ए-कुरआन....... मुश्रिकीन-ए-मक्का के लिए इत्माम-ए-हुज्जत। |
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अल्लाह की निशानियों को देख लेने के बाद ईमान लाना और अमल करना फ़ायदा ना देगा। |
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दीन के हिस्से बख़रे करने वालों से अल्लाह के रसूल ﷺ का कोई ताल्लुक नहीं। |
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नेकी का अज्र दस गुना मिलेंगा। |
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सिरात-ए-मुस्तक़ीम क्या है ? |
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हक़ीक़ी रब अल्लाह ही है। |