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1. अहकाम-ए- शरियत और तकमील-ए-शरियत का एलान। |
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अहम उसूली हिदायतें और अहकाम-ए- शरियत। |
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दीन-ए-इसलाम की तकमील(मुकम्मल होने) का एलान। |
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अल्लाह ने पाकीजा चीज़ें हलाल फ़रमाई है। |
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वुज़ु के फ़राइज़ का बयान। |
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शरियत एक नेमत और कलिमा-ए-तय्यब एक अहद (प्रण) है। |
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अदल(इन्साफ) के अलमबरदार बन कर खड़े हो जाएँ। |
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भरोसा अल्लाह ही पर करना चाहिए। |
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2. शरियत पर अमल और उसके निफ़ास से पेहलू तही(कतराना)। |
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बनी इस्राईल से अहद-ए-शरियत। |
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बनी इस्राईल पर अल्लाह की लानत की वजह अहद खिलाफी। |
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अहले किताब को नबी करीम ﷺ और कुरआन पर ईमान लाने की दावत । |
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हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम माबूद नही मख़लूक़ हैं। |
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अल्लाह की महबूब उम्मत होने का दावा? |
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अहले किताब के लिए इत्माम-ए-हुज्जत। |
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बनी इस्राई का शरियत के लिए क़िताल(जंग) करने से इंकार। |
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हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की बुजदिल कौम के खिलाफ बद्दुआ। |
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कुर्बानी,हज़रत हाबील की शहादत। |
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इन्सानी जान की हुरमत। |
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दहशतगर्दी की सज़ा। |
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अल्लाह का क़ुर्ब कैसे हासिल होता है। |
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काफ़िर जहन्नुम से नही निकल सकते। |
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काफ़िर जहन्नुम से नही निकल सकते। |
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ज़बान से ईमान का इज़हार लेकिन दिल की महरूमी मुनाफ़िक़त है। |
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3 निफ़ाज़- ए- शरियत और हिज़्बुल्लाह के औसाफ़। |
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शरियत के मुताबिक़ फैसले ना करने वाले काफ़िर हैं। |
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शरियत के मुताबिक़ फैसले ना करने वाले काफ़िर हैं। |
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शरियत के मुताबिक़ फैसले ना करने वाले फ़ासिक़ हैं। |
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ख़्वाहिशात की पैरवी ना करो, शरियत नाफ़िज़ करो। |
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क्या चाहते हो आदिलाना शरियत या ज़ालिमाना जाहिलियत? |
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यहूदियों और ईसाईयों को दोस्त मत बनाओ। |
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अल्लाह के महबूब बंदों की सिफ़ात। |
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अहले ईमान के हक़ीक़ी दोस्त कौन हैं। |
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4. अहले किताब के लिए तरग़ीब और मलामत। |
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दीन-ए-इसलाम का मज़ाक उड़ाने वालों को दोस्त मत बनाओ। |
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यहूद के शर्मनाक जुर्म। |
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निफ़ाज़- ए- शरियत की बरकतें। |
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क़ुरआन की तबलीग़ रसूल अल्लाह ﷺ का फ़र्जे मंसबी है। |
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शरियत नाफ़िज़ ना करने वालों की अल्लाह की निगाह में कोई इज्ज़त नहीं। |
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किसी गिरोह से निसबत आख़िरत में निजात के लिए काफ़ी नहीं। |
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शरियत के बजाए ख़्वाहिशाते नफ़्स की पैरवी। |
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शिर्क करने वाले पर जन्नत हराम है। |
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बनी इस्राईल के नाफ़रमानों पर पैगम्बरों की लानत। |
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मुसलमानों के दोस्त और दुश्मन। |
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5. अहकाम-ए-शरियत। |
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हलाल को हराम कर लेना भी जुर्म है। |
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कसम का कफ़्फ़ारा। |
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जुआ और शराब की हुरमत का हत्मी हुक्म। |
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अल्लाह का क़ुर्ब तक़्वे से हासिल होता है। |
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हालत-ए-इहराम में शिकार करने का अमल। |
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शआइर अल्लाह का एहतेराम। |
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अल्लाह की दो शानें। |
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रसूल के जिम्मे पहुँचाना है मनवाना नहीं। |
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हक़ का मयार कसरत नहीं। |
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ग़ैर ज़रूरी सवालात से मना किया गया है। |
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जानवरों के लिए खुदसाख़्ता तक़द्दुस । |
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किसी की गुमराही हमारी बेअमली का जवाज़ नही बन सकती। |
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वसीयत पर गवाही कैसे दी जाएगी? |
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6.Imaan Bil Risalat |
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रसूलों की अल्लाह के हुज़ूर आजिज़ी। |
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रसूलों की अल्लाह के हुज़ूर आजिज़ी। |
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फरमाइशी मोज्ज़े का मुतालबा। |
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ईसाईयों के शिर्क से ईसा अलैहिस्सलाम का एलाने बरात । |
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सच्चाई का सिला रोज -ए-क़यामत मिलेगा। |